सोमवार, 27 अक्तूबर 2008

शैलसुता

चहुँ दिसा गूँजें जैकार मैया,
सज रहा रूप दरबार मैया
कर दो जगत उद्धार मैया
शैल सुता सुन लो पुकार मैया

आओ बैल की सवारी
दांये कर त्रिशूल धारी
बायें कमल पुष्प धारी
माथे मुकुट मनोहारी
सभी की पालनहार मैया !

दक्ष यज्ञ में पति निरादर
किया आप को भस्म जलाकर
जन्मी हिम के आलय आकर
नाम हेमवती कहलाकर
किया गर्व देव संहार मैया !

पतिव्रता शिवशंकर प्यारी
शक्ति सरूपा भक्त पियारी
पार्वती मैना की दुलारी
भक्त आज तुमपे बलिहारी
दया का लगा अम्बार मैया !

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